जैसे शब्द पंच का मतलब है पांच, और केदार का मतलब है भगवान् शिव। पंच-केदार का मतलब शिव के पांच रूप।
कहा जाता है की जब पांडव अपने कुल/परिवार के वध के पश्याताप करने के लिए आये, वह गोत्र-हत्या के दोषी थे! भगवान शिव उनको दर्शन नहीं देना चाहते थे। इसलिए वह भैंसे का रूप धारण कर पृथ्वी में समाने लगे, तब पांडवों ने उन्हें पहचान लिया और महाबली भीम ने उनको धरती में आधा समाया हुआ पकड़ लिया। शिव ने प्रसन्न होकर उन्हें दर्शन दिये और वह गोत्र-हत्या के पाप से मुक्त हो गये। उस दिन से महादेव शिव पिछले हिस्से से शिलारूप में केदारनाथ में, बाहु तुंगनाथ में, मुख रुद्रनाथ में, नाभि मदमहेश्वर में और जटाएँ कल्पेश्वर में प्रकट हुईं।
यह हमारे लिए एक सौभाग्य की बात है कि पांचो केदार हमारे उत्तराखंड मैं ही स्थित है। इनके दर्शन करना, अपने आप मैं एक गौरव पूर्ण बात है। इनके दर्शन मात्र से ही एक अधभुद सा सुख मिलता है और मन को एक शांति सी मिल जाती है।
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